जमुई/रूपेश सिंह

अनुसूचित जाति जनजाति मामलों के विशेष न्यायाधीश ने भेजा जेल… शिकार महिला की 10 साल की बेटी पर भी जब डाला हाथ तो हुआ मुकदमा… थाने में दर्ज नहीं हुआ मुकदमा 4 एसपी डीआईजी आईजी से नहीं मिला न्याय…. कई बार आत्महत्या का किया प्रयास बच्चों के कारण बची…. फोटो संवाद सहयोगी जमुई ।इसे रक्षक पुलिस वाले की हैवानियत कहें या लव जिहाद का मामला ।बरहट थाने में पदस्थापित मोहम्मद नौशाद रिजवी दरोगा पप्पू सिंह बनकर माथे पर तिलक लगाकर अपने को राजपूत बता कई महिलाओं को शिकार बनाकर यौन शोषण करता रहा और पूरा पुलिस महकमा पीड़ित महिला की शिकायत फोटो देख सुनकर भी इस हैवान दरोगा को महिलाओं का भक्षण करने स्वतंत्र छोड़कर चैन की नींद सोता रहा। बरहट थाने में पदस्थापित रहते हुए 2020 में उक्त दरोगा ने एक केस के अनुसंधान के दौरान पास के गांव की 20- 25 वर्षीय महिला को अपना शिकार बना लिया और वर्दी का रौब दिखाकर उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित कर लिया। उसने महिलाओं को विश्वास में लेने के लिए अपना आधार कार्ड पप्पू सिंह के नाम से दिखाया और बताया कि वह राजपूत है उसकी पत्नी मर गई है इसलिए वह उससे शादी भी कर लेगा। मजे की बात तो यह है कि उक्त दरोगा ने इस पीड़ित महिला को 3 साल तक बरहट चन्द्रमण्डीह थाने में रखकर उसका यौन शोषण किया अपने मनमर्जी के हिसाब से उसकी नंगी तस्वीर खींचकर वायरल करता रहा और उसे जहां चाहता वहां साथ ले जाता। जब इस हैवान दरोगा ने उक्त पीड़ित महिला की 10 साल की बच्ची पर भी हाथ डाल दिया तब पीड़ित महिला का सब्र टूटा और उसने थाने में मुकदमा दर्ज करने की हिम्मत दिखा कोशिश की ।जहां से उसे दुत्कार कर भगा दिया गया उसने अब तक जमुई के चार एसपी को अपना आवेदन दिया डीआईजी और आईजी को भी पत्र भेज कर सूचित किया। उसने कई तस्वीर है जो दरोगा ने वायरल किया था उसे एसपी साहब के व्हाट्सएप पर भी भेजा ऐसा उसने बताया है। बावजूद जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तब उसने हार कर जमुई कोर्ट में मुकदमा दर्ज किया। कुछ भले अधिवक्ताओं ने बिना फीस के इस दलित रविदास महिला के मुकदमे को लड़ने का निर्णय किया। जहां एससी-एसटी मामलों के विशेष लोक अभियोजक मनोज दास ने भी इस महिला का साथ देकर उसे न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभाई। अंततः एससी एसटी मामलों के विशेष न्यायाधीश सत्यनारायण शिवहरे ने अपनी अदालत में गुरुवार को सुनवाई के दौरान दरोगा मो नौशाद रिजवी को तत्काल हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। पीड़ित महिला ने बताया कि वह चारों ओर से निराश हो चुकी थी उसे कहीं से भी न्याय नहीं मिल रहा था उसने कई बार आत्महत्या की कोशिश में रेलवे स्टेशन जाकर भी इसलिए आत्महत्या नहीं की क्योंकि उसकी आंख के सामने उसके तीन बच्चों का चेहरा आ जाता था जिसे यह हैवान बाद में और भी नोचता। पीड़िता ने बताया कि उक्त हैवान दरोगा ने जमुई के चरका पत्थर एवं अन्य इलाके में रहने के दौरान अब तक दर्जनों लड़कियों को अपना धर्म बदलकर फंसाया है और उसका शारीरिक और आर्थिक दोहन कर रहा है।दरोगा के साथ कई अन्य महिलाओं की तस्वीर भी उसने न्यायालय में दिखाया है। जो समाज और पुलिस वाले के डर से सामने नहीं आ पाई है। हैवान दरोगा की शराब पीते हुए लोगों को धक्का मारते हुए और हमेशा विवाद और बखेड़ा में रहने की खबरें मीडिया में सुर्खियां बनी रही परंतु कोई भी वरीय पदाधिकारी इस पर सख्त कार्रवाई करने से बचते रहे। अगर बरहट की इस रविदास दलित महिला ने हिम्मत दिखाकर पुलिस वाले के खिलाफ इतनी बड़ी लड़ाई नहीं लड़ी होती तो आज यह हैवान दरोगा पता नहीं कितने अन्य महिलाओं और लड़कियों को मासूम बच्चों को अपना शिकार बन चुका होता और कोई इसके बारे में जान भी नहीं पता की वर्दी में ही रक्षक नहीं भेड़िया छिपा है। वर्तमान में यह दरोगा शेखपुरा में पदस्थापित है। टाइमलाइन ….2020 में पीड़ित महिला के आवेदन पर अनुसंधान के दौरान महिला को अपने गिरफ्त में लेकर यौन शोषण करने लगा। कुछ दिन बाद ही पीड़ित महिला ने महिला थाना बरहट थाना चंद्र मंडी थाना में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई परंतु दरोगा नौशाद के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। 2023 में जमुई एसपी को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई। 2024 में एससी एसटी के विशेष मामले के न्यायाधीश की अदालत में परिवाद पत्र दायर किया जिसमें न्यायालय ने सभी अभियुक्तों के खिलाफ संज्ञान लिया। इस मामले में अग्रिम जमानत की अर्जी जिला न्यायालय और माननीय हाईकोर्ट से खारिज होने के बाद आज गुरुवार को दरोगा नौशाद रिजवी न्यायालय में आत्मसमर्पण के लिए मजबूर हुआ और जमानत की अर्जी दाखिल किया जहां उसकी जमानत की अर्जी खारिज कर उसे हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया।

